सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

ऋग्वेद भाष्य: महर्षि दयानंद। पन्ना 1

  ऋग्वेद भाष्य की जानकारी 


अस्मिन्मण्डले सर्वे मन्त्रा मिलित्वा चतुःपञ्चाशत् सप्तदशशतानि सन्ति।


 अस्य ऋग्वेदस्य दशसु मण्डलेषु ८५ पञ्चाशीतिरनुवाका :, १०२८ अष्टादशसहस्रं सूक्तानि , सन्तीति वेद्यम् । स एतैः १०५८ ९ दशसहस्राणि पञ्चशतानि एकोननवतिश्च मन्त्राः पूर्वोक्ताष्टाकाध्यायवर्गमण्डलानुवाकसूक्तमन्त्रैर्भूषितोऽयमृग्वेदोऽस्तीति वेदितव्यम् 



स्वामी दयानंद सरस्वती रचित ऋग्वेद भाष्य। पन्ना १


भाषार्थ : - आगे मैं सब प्रकार से विद्या के आनन्द को देने वाली चारों वेद की भूमिका को समाप्त और जगदीश्वर को अच्छी प्रकार प्रणाम करके सम्वत् १९३४ मार्ग शुक्ल सौमवार के दिन सम्पूर्ण ज्ञान के देने वाले ऋग्वेद के भाष्य का आरम्भ करता हूं ॥ १ ॥


 ( ऋग्भि : ० ) इस ऋग्वेद से सब पदार्थों की स्तुति होती है अर्थात् ईश्वर ने जिसमें सब पदार्थों के गुणों का प्रकाश किया है , इसलिये विद्वान् लोगों को चाहिये कि ऋग्वेद को प्रथम पढ़के उन मन्त्रों से ईश्वर से लेके पृथिवीपर्य्यन्त सब पदार्थों को यथावत् जानके संसार में उपकार के लिये प्रयत्न करें। ऋग्वेद शब्द का अर्थ यह है कि जिससे सब पदार्थों के गुणों और स्वभाव का वर्णन किया जाय वह ‘ऋक्’ वेद अर्थात् जो यह सत्य सत्य ज्ञान का हेतु है, इन दो शब्दों से ' ऋग्वेद ' शब्द बनता है। ' 


अग्निमीळे ' यहां से लेके ' यथा वः सुसहासति ' इस अन्त के मन्त्रपर्यन्त ऋग्वेद में आठ अष्टक और एक एक अष्टक में आठ आठ अध्याय हैं। सब अध्याय मिलके चौसठ होते हैं। एक एक अध्याय की वर्गसंख्या कोष्ठों में पूर्व लिख दी है । और आठों अष्टक के सब वर्ग २०२४ दो हजार चौबीस होते हैं । 7 ४ वेदितव्यम् । १ ९ १ ९९ : तथा इस में दश मण्डल हैं । एक एक मण्डल में जितने जितने सूक्त और मन्त्र है सो ऊपर कोष्ठों में लिख दिये हैं । प्रथम मण्डल में २४ चौबीस अनुवाक , और एकसौ इक्कानवे सूक्त , तथा १९७६ एक हजार नौ सौ छहत्तर मन्त्र | दूसरे में ४ चार अनुवाक , ४३ तितालीस सूक्त , और ४२९ चार सौ उन्तीस मन्त्र। तीसरे में ५ पांच अनुवाक , ६२ बासठ सूक्त , और ६१७ छ : सौ सत्रह मन्त्र| चौथे में ५ पांच अनुवाक ५८ अठ्ठावन सूक्त , ५८ ९ पांच सौ नवासी मन्त्र | पांचमें ६ छः अनुवाक ८७ सतासी सूक्त , ७२७ सात सौ सत्ताईस पैंसठ मन्त्र । ६ छठे में छ : अनुवाक , ७५ पचहत्तर सूक्त , ७६५ सात सौ पैंसठ मन्त्र । सातमे में ६ छ : अनुवाक , १०४ एकसौ चार सूक्त , ८४१ आठ सौ इकतालीस मन्त्र | आठमे में १० दश अनुवाक , १०३ एकसौ तीन सूक्त , और १७२६ एक हजार सातसौ छब्बीस मन्त्र | नवमे में ७ सात अनुवाक ११४ एकसौ चौदह सूक्त , १०९७ और एक हजार सत्तानवे मन्त्र । और दशम मण्डल में १२ बारह अनुवाक , १९१ एकसौ इक्कानवे सूक्त , और १७५४ एक हजार सातसौ चौअन मन्त्र हैं । तथा दशों मण्डलों में ८५ पचासी अनुवाक , १०२८ एक हजार अठ्ठाईस सूक्त , और १०५८९ दश हजार पांचसौ नवासी मन्त्र हैं । सब सज्जनों को उचित है कि इस बात को ध्यान में करलें कि जिससे किसी प्रकार का गड़बड़ न हो।




Tags: ऋग्वेद भाष्य पढे online हिन्दी में।
Rigved bhashya by swami dayanand Saraswati


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गर्म जलवायु जानवरों का आकार बदलने का कारण बन रही है

जलवायु परिवर्तन का जानवरों पर असर जलवायु परिवर्तन केवल एक मानवीय समस्या नहीं है; जानवरों को भी इसके अनुकूल होना पड़ता है। कुछ "गर्म-खून वाले" जानवर आकार बदल रहे हैं और बड़ी चोंच, पैर और कान प्राप्त कर रहे हैं ताकि उनके शरीर के तापमान को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सके, क्योंकि ग्रह गर्म होता जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया में Deakin University के पक्षी शोधकर्ता Sara Ryding ने इन परिवर्तनों का वर्णन 7 सितंबर 2021 को " Trends in Ecology and Evolution " जर्नल में प्रकाशित एक समीक्षा में किया है। जलवायु परिवर्तन का जानवरों पर असर पर अनुसंधान Ryding कहते हैं, "कई बार जब मुख्यधारा के मीडिया में जलवायु परिवर्तन पर चर्चा की जाती है, तो लोग पूछते हैं कि 'क्या मनुष्य इसे दूर कर सकते हैं?", या 'कौन सी तकनीक इसे हल कर सकती है?'। हम मानते हैं कि जानवरों को भी इन परिवर्तनों के अनुकूल होना चाहिए। , लेकिन यह अधिकांश विकासवादी समय की तुलना में बहुत कम समय में हो रहा है। हमने जो जलवायु परिवर्तन बनाया है, वह उन पर बहुत अधिक दबाव डाल रहा है, और जबकि कुछ प्रजातियां अन...

Engineering के बारे में जानकारी

  Engineering शब्द की जानकारी " engine " और " ingenious " शब्द एक ही लैटिन मूल, " ingenerare " से लिए गए हैं, जिसका अर्थ है " बनाना "। प्रारंभिक अंग्रेजी क्रिया इंजन का अर्थ " इजाद करना " था। इस प्रकार, युद्ध के इंजन कैटापुल्ट्स, फ्लोटिंग ब्रिज और असॉल्ट टावर जैसे उपकरण थे; उनका डिजाइनर "engine-er" या सैन्य इंजीनियर था। सैन्य इंजीनियर के समकक्ष सिविल इंजीनियर थे, जिन्होंने इमारतों, सड़कों, जल आपूर्ति, सीवेज सिस्टम और अन्य परियोजनाओं को डिजाइन करने के लिए अनिवार्य रूप से वही ज्ञान और कौशल लागू किया।   Engineering के बारे में जानकारी   'इंजीनियरिंग' समस्याओं को हल करने के लिए विज्ञान और गणित का अनुप्रयोग है। 'इंजीनियर' यह पता लगाते हैं कि चीजें कैसे काम करती हैं और वैज्ञानिक खोजों का व्यावहारिक उपयोग ढूंढते हैं। वैज्ञानिकों और अन्वेषकों को अक्सर उन नवाचारों का श्रेय जाता है जो मानव स्थिति को आगे बढ़ाते हैं, लेकिन यह इंजीनियर ही हैं जो उन नवाचारों को दुनिया के लिए उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ...

Mechanical engineering- इतिहास, कार्यक्षेत्र, करियर, कौशल आदि की जानकारी

Mechanical engineering के बारे में जानकारी मैकेनिकल इंजीनियरिंग, मशीनों के डिजाइन, निर्माण, स्थापना और संचालन और विनिर्माण प्रक्रियाओं से संबंधित इंजीनियरिंग की शाखा हैं। यह विशेष रूप से बलों और गति से संबंधित है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग व्यापक इंजीनियरिंग विषयों में से एक है। मैकेनिकल इंजीनियर डिजाइन, विकास, निर्माण और परीक्षण करते हैं। वे किसी भी चीज से निपटते हैं जो चलती है, जैसे कि, घटकों से लेकर मशीनों तक और मानव शरीर तक। मैकेनिकल इंजीनियरिंग अनुसंधान, डिजाइन और उत्पादन में वैज्ञानिक पद्धति के पेशेवर इंजीनियर द्वारा परीक्षण और त्रुटि पर आधारित एक कला के मैकेनिक द्वारा अभ्यास से विकसित हुई है। बढ़ी हुई दक्षता की मांग एक मैकेनिकल इंजीनियर से अपेक्षित काम की गुणवत्ता को लगातार बढ़ा रही है और इसके लिए उच्च स्तर की शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्यकता है। तकनीकी रूप से, मैकेनिकल इंजीनियरिंग किसी भी वस्तु के लिए डिजाइन से लेकर निर्माण से लेकर बाज़ार तक इंजीनियरिंग के सिद्धांतों और समस्या को सुलझाने की तकनीकों का अनुप्रयोग है। मैकेनिकल इंजीनियर गति, ऊर्जा और बल के सिद्धांतों का उपयोग करके अपने...